दिल्ली-NCR, बिहार और पश्चिम बंगाल में मंगलवार सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 थी। इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
भूकंप का असर नेपाल, भूटान सहित भारत के सिक्किम, उत्तराखंड में भी दिखा। फिलहाल भारत में भूकंप से जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। नेपाल और चीन में भी नुकसान की अब तक कोई खबर नहीं मिली है।
जनवरी 2024 में चीन के शिनजियांग में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था
चीन-किर्गिस्तान बॉर्डर पर 22 जनवरी 2024 की रात 11.39 बजे 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था। दक्षिणी शिनजियांग में आए इस भूकंप का केंद्र जमीन से 22 किमी नीचे था। इस भूकंप में कई इमारतें ढह गई थीं और कई लोग घायल हैं।
भूकंप के बाद 40 आफ्टरशॉक भी दर्ज किए गए थे। भूकंप का सबसे ज्यादा असर उरूम्की, कोरला, काशगर, यिनिंग में हुईआ था।
भूकंप क्यों आता है? हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
एक्सपर्ट का दावा- अरावली पर्वतमाला की दरार एक्टिव हुई, आते रहेंगे भूकंप भूगोल के जानकार डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा (दरार) है। यह भ्रंश रेखा राजस्थान के पूर्वी तट से होते हुए धर्मशाला तक जाकर मिलती है। इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भरतपुर इलाके शामिल हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि अरावली पहाड़ में जो दरारें हैं, उनमें हलचल शुरू हो चुकी है। अब ऐसे भूकंप के झटके जयपुर समेत इससे सटे हुए अन्य इलाकों में भी आते रहेंगे। जयपुर जोन-2 और पश्चिमी राजस्थान जोन-3 में आता है। इसमें सामान्य भूकंप के झटके आते हैं।