
CG JAGRAN.COM/राजनांदगांव में पुलिस आरक्षक अनिल रत्नाकर की मौत के मामले में जांच टीम ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश की है। जांच में सामने आया है कि रत्नाकर ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी और वह पुलिस भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी में शामिल था। हालांकि, अभी तक की जांच में किसी भी सीनियर अधिकारी के भर्ती घोटाले में शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं।
रिश्वत का पैसा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से दिया गया। इसके लिए क्यूआर कोड मांगा गया और उसमें पैसे डाले गए। जांच टीम को मोबाइल से अहम सबूत मिले हैं।
अब जांच में भी यही पाया गया कि, आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि, मृतक अनिल रत्नाकर (25) ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उम्मीदवारों से पैसे लिए और उनके नंबरों में हेरफेर किया। अब टीम को फोन डेटा रिकवरी, सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग और विसरा-रिपोर्ट का इंतजार है।
42 गवाहों के बयान लिए गए
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के ASP देवचरण पटेल के नेतृत्व में 4 सदस्यीय टीम बनाई गई थी। इस टीम ने 42 गवाहों के बयान दर्ज किए। टीम ने तकनीकी सबूत, सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) और बैंक स्टेटमेंट की भी विस्तार से जांच की।