CG JAGRAN.COM/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुसार किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर खरीदने एवं उपार्जन केन्द्र में किसानों को मिल रही सुविधाओं से जिले के अन्नदाता अत्याधिक प्रसन्न है एवं उत्साह पूर्वक अपने उपज का विक्रय करने खरीदी केंद्र पहुँच रहे हैं।
कोरबा विकासखण्ड के ग्राम कोरकोमा के किसान श्री लीलाम्बर पटेल ने कृषक हितैषी सरकार के इस कार्य की सराहना करते हुए बताया कि आज वे कोरकोमा समिति में अपना 100 क्विंटल धान बेचने आए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी 11 एकड़ जमीन है, जहां वे बरसात के समय धान की फसल लेते हैं। एक सप्ताह पूर्व ही घर बैठे उन्होंने अपने उपज विक्रय के लिए मोबाईल के माध्यम से ऑनलाइन पहला टोकन प्राप्त किया। घर बैठे ही टोकन मिलने से उन्हें समितियो के चक्कर लगाने से छुटकारा मिला और आज वे धान बेचने समिति आए है। जहां बड़ी सरलता से उनके धान की खरीदी हो गई। समिति प्रबंधक द्वारा धान की पलटी करने, बोरी में भरने एवं तौलाई कार्य मे पूरा सहयोग किया जा रहा है।
कृषक लीलाम्बर पटेल ने राज्य शासन द्वारा 21 क्विंटल प्रति एकड़ व 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की जा रही धान खरीदी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पहल से किसानों को अपने परिश्रम का वास्तविक मूल्य मिल रहा है। किसान लीलाम्बर ने कहा कि प्रत्येक किसान की यही उम्मीद होती है कि उसकी उपज और मेहनत का उसे उचित और सही दाम मिले। किसानों को उनकी मेहनत का उचित प्रतिफल मिलने से उनके जीवनस्तर में सुधार के साथ ही कृषि क्षेत्र के विकास में भी योगदान देता है। उचित मूल्य मिलने से किसान आत्मनिर्भर बनते हैं और कृषि के प्रति उनका विश्वास बढ़ता है।
इसी प्रकार भैंसमा उपार्जन केंद्र में अपने 50 क्विन्टल धान विक्रय के लिए आए बेंदरकोना के किसान हरीश कुमार मार्बल ने प्रशासन द्वारा केंद्र में धान खरीदी हेतु किए गए समुचित व्यवस्था पर हर्ष प्रकट किया। उन्होंने शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन द्वारा 3100 रूपए में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदकर 72 घंटे के भीतर किसानों के खाते में राशि अंतरण होने से किसान बहुत खुश है। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि राज्य शासन के इस महत्वपूर्ण कदम से किसानों की मेहनत को सच्चा सम्मान मिला है और उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त हो रहा है। सरकार की यह पहल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में सहायक है। किसान हरीश ने बताया कि केंद्र में किसानों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा गया है। उन्हें अपने मेहनत की उपज को बेचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नही हुई। धान उपार्जन केन्द्र में किसानों के लिए छांव, पेयजल, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। राज्य शासन द्वारा टोकन के लिए किए गए ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था से किसानों को समितियो में लाइन में खड़े होकर अपने बारी का इंतिजार नही करना पड़ रहा। इस व्यवस्था से किसान घर बैठे ही टोकन प्राप्त कर रहे है और सही समय पर अपना धान बेच पा रहे है। धान विक्रय का भुगतान भी शीघ्रता से होने से किसानों को बहुत राहत मिल रही है। बच्चों की पढ़ाई, घरेलू आवश्यकताओ की पूर्ति, जरूरी सामानों का क्रय करने में मदद मिल रही है। साथ ही समितियों में माइक्रो एटीएम से किसान 10 हजार रूपए तक की राशि का आहरण कर सकता है। जिससे किसानों की आर्थिक समस्या का भी निदान हो रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत ही आसानी से धान विक्रय के लिए टोकन हमर हाथ के माध्यम से ऑनलाईन टोकन कटवाया था। धान उपार्जन केन्द्र में पर्याप्त मात्रा में बारदाने की उपलब्धता है, पूर्ण पारदर्शिता से इलेक्ट्रानिक वजन मशीन से धान की तौलाई की जा रही है एवं 72 घण्टे के अंदर खाते में राशि भुगतान किया जा रहा है। साथ ही धान उपार्जन केन्द्र में किसानों के लिए सभी समुचित सुविधाएं उपलब्ध है। किसानो ने सरल, पारदर्शी तरीके से धान खरीदी करने एवं शीघ्रता से किसानों के खाते में राशि अंतरित करने हेतु राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।